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SC on Loan Moratorium: सुप्रीम कोर्ट ने 14 अक्टूबर तक के लिए स्थगित की ब्याज माफी मामले की सुनवाई.....

 नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को लोन मोरेटोरियम अवधि में बढ़ोत्तरी और इस दौरान ब्याज माफी की याचिका पर सुनवाई को 14 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को लोन मोरेटोरियम मामले में सुनवाई होनी थी। जस्टिस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की बेंच छह महीने की लोन मोरेटोरियम अवधि के दौरान ब्याज की माफी की मांग करने वाली याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करने वाली थी।




इससे पहले जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता में जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की बेंच ने पांच अक्टूबर को लोन मोरेटोरियम अवधि के दौरान ब्याज पर माफी की मांग वाली याचिका की सुनवाई की थी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक को अतिरिक्त हलफनामे फाइल करने का समय दिया था।

गौरतलब है कि लोन मोरेटोरियम मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा दाखिल किया है। सरकार ने कहा है कि मौजूदा हालात में विभिन्न सेक्टर्स को और राहत देना संभव नहीं है। राजकोषीय नीति के मामले में कोर्ट को दखल नहीं देना चाहिए। पांच अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सरकार के हलफनामे पर असंतोष जताया था। साथ ही केंद्र सरकार व भारतीय रिजर्व बैंक को विस्तृत जानकारी के साथ हलफनामा देने को कहा था।

सुप्रीम कोर्ट में अपने नए हलफनामे में सरकार ने कहा, 'नीतियां बनाना सरकार का काम है और अदालत को सेक्टर विशेष को वित्तीय राहत देने के मामलों पर विचार नहीं करना चाहिए। दो करोड़ रुपये तक के लोन पर मोरेटोरियम अवधि के दौरान ब्याज पर ब्याज में दी गई राहत से ज्यादा कोई छूट देना अर्थव्यवस्था एवं बैंकिंग सेक्टर के लिए घातक होगा।'

इससे पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने अदालत को बताया था कि दो करोड़ रुपये तक के एमएसएमई और पर्सनल लोन पर छह महीने की मोरेटोरियम अवधि के दौरान ब्याज पर ब्याज नहीं वसूला जाएगा। इस छूट पर आने वाले खर्च को सरकार स्वयं वहन करेगी।


जानिए क्या है लोन मोरेटोरियम :

कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में कई लोगों की नौकरियां चली गईं. ऐसे में लोन की किस्तें चुकाना मुश्किल था. ऐसे में रिजर्व बैंक ने लोन मोरेटोरियम की सहूलियत दी थी. यानी लोन पर किस्तें टाल दी गई थी. किसी लोन पर मोरेटोरियम का लाभ लेते हुए किस्त नहीं चुकाई तो उस अवधि का ब्याज मूलधन में जुड़ जाएगा. यानी अब मूलधन और ब्याज पर ब्याज लगेगा. इसी ब्याज पर ब्याज का मसला सुप्रीम कोर्ट में है.

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